कहानी: हवस की डोर घर घर की
कहानी: हवस की डोर घर घर की
पापा रोहन और माँ प्रिया एक छोटे से शहर में अपने दो बच्चों, राज (18 साल) और राधा (16 साल) के साथ खुशहाल जीवन बिता रहे थे। रोहन एक स्कूल में टीचर थे और प्रिया घर संभालती थीं, साथ ही सिलाई का छोटा सा काम करती थीं। उनका परिवार साधारण था, लेकिन प्यार और समझदारी से भरपूर।
एक दिन, मैं राज कॉलेज की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चला गया। घर में उसकी कमी महसूस होने लगी। राधा बहन, जो हमेशा अपने भाई के साथ खेलती-झगड़ती थी, अब अकेली रह गई। वह पापा और माँ के साथ ज्यादा वक्त बिताने लगी।
कुछ महीने बाद, राज छुट्टियों में घर आया। उसने अपने परिवार को बताया कि वह अपनी कॉलेज की दोस्त नैना से प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है। यह सुनकर माँ और पापा चौंक गए। उन्होंने राज से कहा, "बेटा, तुम अभी पढ़ाई पर ध्यान दो, शादी की उम्र अभी नहीं है।"
अब👉 मैं राज परेशान रहने लगा मेरी बहन मेरा मजाक उड़ा ती रेहती बार बार अब👉 मैं उदास रहने लेगा अब मेरी बहन बार बार कोशिश करती की मैं राज खुश रहु बहन को मेरी फ़िक्र करने लेगी माँ पापा से बोली भैया पागल हो जायेगा चलो गाव चले ते हैं कुछ दिन गुम के आत हैं मम्मी पापा दोनों ने हाँ की अब हमें सब गावे गय
गावे श्याम के 5 बेज पोच दादा दादी मिले झूले बातचीत की और कुछ देर आराम किया फिर खाना-वाना खाकर लेग बग 8:00 बजे चुके थे अब हम सब लोगों की सोने की बारी थी तभी दादी बोली बेटे सोने की जगह थोड़ी कम है एक दूसरे के साथ एडजस्ट करना पड़ेगा तभी पापा बोल कोई दिक्कत नहीं अम्मा राज राधा दोनों भैया बहन एक साथ एक रूम में और हम और प्रिया दोनों एक रूम में दादी और दादा दोनों एक रूम में घर में चार रूम थे एक रूम स्टोर था उसमें सामान था
दिक्कत परेशानी की बात थी जिस रूम में मैं और भैया सोने वाले थे उसे रूम में लाइट बहुत कम थी ओन्ली एक पंखा था गर्मी के दिन थे और उसे रूम में एक बेड था क्योंकि पुराना घर था तो उससे ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं की थी कभी हम लोगों ने पहले मैं रूम में गई और थोड़ी साफ सफाई की और बिस्तर लगा दिया
मुझे उसे रूम में बहुत ज्यादा गर्मी लग रही थी अब क्या कर सकते हैं एडजस्ट तो करना पड़ेगा थोड़ी देर बाद भैया भी रूम में आ गए वह बोला यहां सोना पड़ेगा मैं तो नहीं सोऊंगा फिर मैं हंसते हुए बोली और किधर सोएगा लल्लू फिर वह चुप रहा और जसे ही उसे गर्मी का आभास किया तो तुरंत उसने अपनी सेट और पेंट दोनों निकल कर दीवार से लगी हुई खोटी के टांग दी अब वह बिरयान और अंडरवियर में था मैंने आज तक भी किसी मर्द को इस तरह नहीं देखा था मुझे कुछ अजीब सी फीलिंग होने लगी अपने ही भैया से बहुत अजीब लग रहा था मुझे लेकिन मैं कुछ बोल भी नहीं सकती
तभी पलट कर भैया बोल राधा बहन क्या तुझे गर्मी नहीं लग रही मैं ने भी कहा हां भैया गर्मी तो बहुत लग रही है क्या किया जाए तभी भैया बोले गर्मी से बचने का तो एक ही इलाज है जाओ नाहा केर आयो फिर आराम से सुकून भर नींद आएगी मुझे भी उसका आईडिया अच्छा लगा और तुरंत ही में बाथरूम की ओर जाने लगी
जब मैं नाहा कर फ्री हुई तो मुझे याद आया कि मैं अपने अंडरगारमेंट कपड़ा बाग 👜 से निकालना भूल गई और जो पहन रखे थे वह गीले हो गए थे फिर मैंने सोचा रात में सोना ही तो है और करना भी क्या है सिर्फ मैंने सूट और सलवार पहन ली नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था
जैसे ही मैं बाथरुम से बाहर निकली तुरंत भैया बाथरूम की ओर बढ़ने लगा मैं बोली कहां जा रहे हो भैया बोला मुझे भी नहाना है मुझे भी बहुत गर्मी लग रही है मैं बोली ठीक है अब मैं जाकर बिस्तर पर लेट गई मुझे बहुत राहत की सांस मिली कुछ ही देर में भैया भी नहा कर बाहर निकल गया लेकिन अब उसने सिर्फ तोलिया बांध रखा था मुझे लगा भैया कपड़े पहन लेगा इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन भैया राज ने कपड़े नहीं पहने सीधा बिस्तर पर आया लेट गया और बातचीत करने लगा अब तक टाइम 10 बेज चुक थ हमें सही बातें कर रहे थे लेकिन मैं बहुत ही ज्यादा परेशान सी महसूस कर रही थी भैया की वजह से बार-बार मेरा ध्यान उसके कपड़ों की ओर ही जा रहा था जो कि उसने पहन नहीं रखे थे मैं कुछ बोल भी नहीं सकती क्योंकि मेरा भाई था सामने फिर मैं भी इग्नोर करने लगी लेकिन इग्नोर नहीं कर पा रही थी बार-बार बस मुझे मेरे दिमाग में उसके कपड़ों को लेकर अजीब अजीब सवाल आने लगे
तभी मैं बोली चलो भैया लूडो खेलते हैं अभी नींद नहीं आ रही है भैया बोला बिल्कुल हां चलो कुछ टाइम पास करते हैं तभी भैया ने अपना मोबाइल निकाला और लूडो चालू किया और लूडो गेम लगा दिया हम खेलते रेह और टाइम गुजरता रहा
तभी मेरा ध्यान अचानक से सामने की ओर गया जो मैंने देखा मैं देखती ही रह गई मेरी आंखें फटी की फटी रह गई कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा देखना पड़ेगा मेरा भाई का तोलिया से उसका लैंड हल्का हल्का सा बहार निकालकर साफ साफ़ दिखे रेहा था अब मुझे अजीब सी बेचैनी सी होने लगी और बार-बार मेरी नजरें उसे पर जाने लगी थोड़ा टाइम में ही भाई ने मेरी नज़रें पकड़ ली और उसने नोटिस किया कि मैं क्या देख रही हूं
अब👉 उसे का लैंड आहिस्ता आहिस्ता से बड़ा और मोटा होने ने लगा अब मेरा दिल बहुत जोर जोर से धड़क रहा था एक पल के लिए भी मैं उससे नज़रें नहीं हटा पा रही थी मैंने कभी भी ऐसा नजारा आज तक नहीं देखा और यह सारी बातें सारी बातों को राज भैया नोटिस कर रहा था और वह जान पूछ कर हल्का-हल्का सा अपना तौलिया और हटाने की कोशिश कर रहा था उसका इसे करने से अब मुझे साफ-साफ उसका पूरा का पूरा लैंड औजार दिखाई दे रहा था लगभग उसका औजार 8 या 9 इंच का होगा और इतना मोटा तगड़ा लैंड को मैं तो आज तक नहीं देखा किसी का भी
फिर कुछ देर बाद मैंने कहा भैया बस बहुत हो गया गेम अब सोते हैं तभी भैया ने भी हां कहा और अब हम लेट गए अब टाइम लगभग 12:00 बज चुके थे
मेरी तो मानो की आंखों से किसी ने नींद चुरा ली हो मुझे तो नींदों कोशो दूर तक नजर नहीं आ रही थी बस दिमाग में वही मंजर चल रहा था जो अभी थोड़ी देर पहले मैंने देखा फिर मैं यह भी सोच रही थी जिस तरह से मैं सोच रही हूं क्या भैया भी उसी तरह से सोच रहे होंगे फिर मैंने सोचा उसे क्या पता लेकिन मुझे नहीं था पता कि भैया को सब कुछ पता इस पता ना रहने के चक्कर में पता नहीं हमारा रिश्ता पता रहेगा या नहीं रहेगा आज तक कभी भी हमने दोनों भाई बहन ने के बीचे ऐसा वकिया नहीं हुआ की कोई बात नहीं सोची लेकिन आज की रात में हम दोनों का सोच ने का नजरिया ही बदल दिया हे राम
अब👉 रात के 1 बेज चुका था भैया को लेगा की में सो चुकी हु तभी भैया विस्तार से उठ और विस्तार के पास ही खड़े रेह लेकिन में जाग राही थी तो मुझे से रहा नहीं गया मैं ने देखा की भैया क्या करे रह है तभी मैं देखा की भैया जी मूट्टी मारे रहे है दीवार की साइड मुहु किया हुआ था उन्हें नहीं था पता कि मैं उन्हें देख रही हूं मुझे भी उसका हाथ और लैंड दोनों नहीं दिखाई दे रहे थे लेकिन मैं अनुमान लगा रही थी भैया मुट्ठी मार रहे हैं आवाज आ रही थी थप-थप-थप की कुछ ही देर में भैया जी झड़ चुके थे मैं भी तुरंत वैसे ही सोने का नाटक करने लगी फिर ना जाने मुझे कब नींद आ गई और मैं सो गई सुबह में 6:00 उठी
मैं उठी तो मैंने देखा भैया मेरी बगल में ही सो रहे हैं और उनका तोलिया खुला हुआ है मुरझाया हुआ लैंड मुझे साफ दिख रहा था मैंने तुरंत ही उसका तोलिया उसके लैंड पर डाल दिया
और बाहर आ गई और घर के कामकाज में बिजी हो गई थी ऐसे ही चला रहा अब 10:00 बज चुके थे भैया अभी बिस्तर से उठकर फ्रेश होने गया उसको देखकर ऐसा लग रहा था जिससे कि नाइट में कुछ हुआ ही ना हो मैं भी ऐसा ही दिखावा किया कि जैसे नाइट में कुछ हुआ ही ना हो हम दोनों आराम से एक दूसरे से बातें कर रहे थे
मैं ने नोटिस करने लगी की भैया जी मुझ पर कुछ ज्यादा ही ध्यान देते हैं मेरी हर-हरकत पर वह नजर रखते हैं आते जाते हुए मुझे बड़ी गौर से देखते हैं झुकत उठते बैठते बस उसी का ध्यान मुझ पर लगा रहता है यह मुझे देखकर बड़ा अजीब सा लगता था अंदर ही अंदर से मुझे खुशी से महसूस होती थी हां कोई लड़का तो है जो मेरा दीवाना हुआ बैठा है यह मेरे ख्याल और विचार थे भैया के क्या थे यह मुझे नहीं था पता अब👉 भैया अभी डिप्रेशन से बाहर आ गए बड़े खुश नजर आते थे अब उनका पूरा का पूरा फोकस में थी अपनी ही सगी बहन राधा के चक्कर में था राज अब मैं भी उसे मजा लेना चालू कर दिया उसको तड़पाना चिढ़ाना सतना मैं भी अपनी ओर से चालू कर दिया मुझे ऐसा करने में बड़ा मजा आता था बड़ा सुकून मिलता था
अब में ने सोच लिया की एक बार अपने साग भाई को अपना हूसेन हुस्न का दीदार कराके रहूगी आऊंगी लेकिन मेरे सामने परेशानी यह थी की कैसे मैं अपनी तरफ से कोई भी पहल नहीं करने वाली थी जिससे कि मुझे सारी जिंदगी अपमानित होना पड़े
एक दिन मैंने प्लान बनाया कि मैं खेतों पर भैया को साथ लेकर जाऊंगी और वहां पर अपने हुस्न का उसको दीदार कराऊंगी जितना हो सके उतना तड़पाऊंगी चढ़ाऊंगी लेकिन कभी भी अपने जिस्म को उसको हाथ लगाने नहीं दूंगी क्योंकि वह मेरा अपना सगा भाई है 💩
फिर एक दिन ऐसा ही हुआ हमारी पूरी फैमिली खेतों को देखने के लिए गई थी दादी दादी मम्मी पापा भाई मैं भी हम यह देखने गए थे कि जिन मजदूरों को हमने खेत दे रखे हैं उसे ठीक से कम कर रहे हैं या नहीं मम्मी पापा को भी देखना था हम सब लोग चले गए थोड़ी देर में हम खेतों पर पहुंच गए दादा दादी मजदूरों के साथ बिजी हो गए मम्मी पापा खेतों को देखने में इंटरेस्ट थे और मैं भाई को देखने में और भाई मुझे देखने में
कुछ दर बाद सब लोग अब घर की ओर जाने लगे मम्मी पापा बोले चलो बच्चों घर चलते हैं तभी मैं बोली नहीं पापा मैं शाम को मजदूरों के साथ में आऊंगी मुझे यहां बहुत अच्छा फील हो रहा है बहुत खुली खुली हवा लग रही है ऐसी शहर में कहां लगती है पापा बोले जल्दी आना घर तभी भैया भी बोल पड़े हमें भी रुकूंगा यहीं पर बहन के साथ आ जाऊंगा पापा बोले ठीक है अपना ख्याल रखना बच्चन
तभी मैंने भैया से कहा अपने इतने सारे खेत हैं इन्हें पानी कहां से लगता है तभी भैया बोले दूसरे खेत पर अपना कुआं है वहां पर मोटर लगी हुई है वहीं से सारा पानी खातों की ओर आता है चल तेरे को दिखा कर लाता हूं मैंने तुरंत हां किया और भैया के पीछे-पीछे चल दी थोड़ी दूर चलने के बाद में दूसर खेत आ गया उधर गने की फसल थी चारों तरफ वहां पर कोई भी इंसान का आता ना पता कोई कुछ नहीं था बिल्कुल सुनसान था हम जब दूसरे खेत पर पहुंचे तो वहां देखा वहां पर एक छोटा सा रूम बना हुआ था उसी में सारे उपकरण लगे हुए थे मोटर चलाने या बंद करने का पूरा सिस्टम वहीं पर था वहां पर एक बहुत बड़ा फंडा भी बना हुआ था पानी के लिए कुंडा खाली था मैं भैया से बोली भैया मुझे नहाने का बड़ा मन कर रहा है प्लीज मोटर चलकर कुंडा भर दो ना भैया बोला ठीक है भर देता हूं अभी भइया ने मोटर चलाई कुंडा पानी से भर गया मैंने चारों तरफ देखा कोई नहीं था मैंने भैया से कहा भैया मेरे पास दूसरे कपड़े नहीं है आप प्लीज दूसरी साइड मुंह कर लेना अगर कपड़ों के साथ नहाने होगी तो पूरे कपड़े गीले हो जाएंगे भैया बोल हां बिल्कुल मैं दूसरे साइड की ओर जा रहा हूं आप इतने नहा लो मुझे पता था भैया सिर्फ बोल रहे हैं दूसरे साइड की जाने की ओर लेकिन जाएंगे नहीं यहीं से कहीं छुपा कर बैठ कर मुझे पूरा देखेंगे यही मेरा प्लान था अब मैं अपने भैया को जाते हुए देखा फिर मैं अपने सूट उतारा और सलवार उतरी ब्रा और पट्टी मे थी तभी मैंने भैया को चारों तरफ देखा मुझे भैया दिखाई नहीं दिए फिर मैंने सोचा ठीक है चलो नहा लेते हैं जैसे ही मैं कुंड के पास गई और मैंने देखा मुझे उसमें एक इंसान की परछाई देखी मैं तुरंत समझ गई के भैया जी रूम के छठ के ऊपर बैठे हैं और मुझे ही देख रहे हैं मुझे साफ-साफ पानी में
मुझे साफ-साफ दिखाई दे रही थी भैया की परछाई पानी में और उनकी रूम की छत से मुझे देख रहे थे मैंने भी जान पूछ कर अपनी ब्रा और पेंटिंग दोनों निकाल दी ताकि भैया पूरा दीदार कर सके मेरे हुसैन दीदार का
कहानी अभी जारी है दोस्तों आप बोलोगे तो आगे बढ़ाऊंगा
Ha
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