बहन या मम्मी किसे चोदु गलती होंगी

Bhai bahan sex story
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बहन को कैस पठाया सेक्स के लिए

हेलो दोस्तों आप सभी लोग कैसे हैं उम्मीद करता हूं कि बेहतर होंगे आज मैं फिर से हाजिर हूं एक बेहतरीन स्टोरी के साथ


‎हमरा परिवार एक छोटे से  शहर में रहने वाले एक साधारण सा मोहल्ला था।


‎ हमारे घर में हम चार लोग रहने वाले हैं पापा मम्मी बहन और मैं सुबह पापा ड्यूटी चले जाते हैं मम्मी घर पर ही रहती है मैं और बहन पढ़ाई कर रहे हैं अभी हमारी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है ज्यादा बड़ा घर नहीं है छोटा ही घर है हमारा 1 साल पहले की बात है उसे टाइम पर मैं 19 साल का था तकरीबन मेरी बहन 18 साल छोटी है मेरी मां की उम्र 35 की है और मेरे पापा की उम्र 37 की है


‎ कुल मिलाकर बात यह हमारे परिवार में सब यंग लोग हैं बुढ़ापे वालों का कोई काम नहीं है यह सिर्फ एक मजाक है भाई इससे ज्यादा कुछ नहीं


‎ कभी कोई अपनी बहन के बारे में गलत नहीं सोचता कुछ परिस्थितियों आती हैं कुछ हालाते एस आते हैं जो यह सब सोचने पर मजबूर हो जाता है बंदा मैं भी अपनी बहन के बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा जो आप लोगों को मैं सुनाने जा रहा हूं एक काल्पनिक कहानी है


‎ कहानी 2 साल पहले शुरू हुई थी कुछ इस प्रकार मेरी बहन के अंडर गारमेंट कपड़े कुछ बाथरूम मैं रखे हुए थे जिसे ही मैं बाथरूम में घुसा मेरी नजर उन पर पड़ी और उनको देखकर मुझे बहुत गुस्सा आया क्योंकि वह अंडरगारमेंट कपड़े हैं बहन को इसे छुपा के रखनी चाहिए ना की खुले में ऐसे रखना चाहिए  मैंने तुरंत ही मम्मी से कहा फिर बहन को डांटेत हुवे उसको बताया कि दोबारा से मुझे ऐसे नहीं दिखना चाहिए नहीं तो अच्छा नहीं होगा


‎ मेरी बहन ने मुझसे सॉरी कहा और वादा किया के आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि एक ही बाथरूम था हम सब लोग उसे ही इस्त्मल करते थे उसी को


‎ एक दिन एक मेरे दोस्त ने मुझे एक कहानी शेर की व्हाट्सएप पर और वह कहानी थी भाई और बहन की यानी की सेक्सी चुदाई कहानी थी मुझे उसे पढ़ कर बहुत मजा आया और अफसोस भी हुआ क्या लोगों की ऐसी भी सोच हो सकती है अपनी बहन को लेकर लेकिन मेरी खुद सोच बदल गई अपनी ही बहन को लेकर जो कि मेरी सगी बहन थी


‎ में अपनी बहन पर नजर लगने लगा और टुकेर टुकेर कर के देखने लगा अब से पहले मुझे कभी भी अपनी बहन इतनी खूबसूरत नहीं लगी जो अब मुझे लगने लगेगी दिन पर दिन उसकी खूबसूरती मेरी आंखों को चुंदीयाइ जा रही थी चौक दिया जाए रही थी और मैं किसी भी बहाने से या हल्की चोरी चुप्पी नजरों से उसे देखने की कोशिश किया करता था क्योंकि अब मेरा मन बदल चुका था अपनी बहन को लेकर सेक्स स्टोरी को पढ़ने के बाद


‎ अब धीरे-धीरे में नोटिस करने लगा कि मुझे मेरी बहन के बाल भी बहुत खूबसूरत लगते हैं और मैं उसके शरीर के आकार को महसूस करने लगा इतनी मोटी मोटी चूचियां थी मैंने कभी ऐसा नहीं देखा क्या कसम से उसका शरीर था एकदम बवाल चीज थी मानो कि जिसे कोई स्वर्ग की अप्सरा हो एक बार उसको देखने लगता तो देखा ही रह जाता फिर सो ने लगा यार मेरी बहन तो क्या कमाल की चीज है कोई लड़का इसको देखा होगा तो सीधा मेरी बहन को चोदे ने की सोचता होगा जब उसी का भाई उसको ऐसा सोच रहा है तो कोई क्यों नहीं सोचेगा मैं इसको किसी और के हाथ नहीं लगने दूंगा मेरी बहन है मैं ही मजा लुगा यह सब ख्याल सोच सोच कर मुझे बहुत मजा आता था उसको देखने में


‎ लेकिन दिक्कत परेशानी की बात तो थी मैं उसको राजी कैसे करूं अपनी बात उसके आगे कैसे जाहिर करूं क्योंकि वह तो मेरी अपनी सगी बहन थी सीधे मैं उससे बात भी नहीं कर सकता नहीं उसको कोई बात का एहसास करना है देता क्या वह मेरे बारे में क्या सोचेगी बस यही सोच सोच कर मैं पागल है की तरह सोचने लगा और प्लान पर प्लान बनाने लगा कुछ भी करूंगा लेकिन एक बार तो लूंगा बिना किसी को पता चले


‎ अब मैं जब भी मुझे मौका मिलता है मैं उसको टच करने की कोशिश करता हूं उसके कुछ ज्यादा ही नजदीक या बढ़ने लगा उसके आसपास ही मंडराता रहता और उसकी हां में हां मिलता रहता  अब जब भी मेरी बहन कोई भी काम के लिए कहती में पहले ही फट से हां भर लिया करता था हु क्योंकि मैं अपनी बहन का ही दीवाना हो चुका हूं मेरी बहन के अलग मुझे कोई भी लड़की अच्छी नहीं लगती  और मेरा किसी लड़की पर ध्यान ही नहीं जाता बस अपने ही बहन के बारे में सोचता रहता हूं


‎ चोरी चोरी चुपके चुपके उसको देखना मुझे बहुत अच्छा लगता था तब वह बाथरूम में होती थी नहाती थी तो मैं उसको चोरी चोरी चुपके चुपके देखा था क्या क्वेश्चन था क्या रंग था उसका दिन पर दिन में उसका दीवाना हुआ जा रहा था ऐसे ही चला रहा कुछ दिन तक उसको ऐसे ही चुपके चुपके नजरों से देखता रहा जब भी मुझे मौका मिले ता तो मैं उसे देखा ता था बहन जभी कपड़ा बदलती या कुछ भी करती झाड़ू लगाती या घर का काम करती हैं  तभी मुझे मौका मिलता है उसकी चूचियां गांड देखने का तो मैं कोई भी मौका मिस नहीं करता था


‎ अब मैं ने सोच लिया ऐसे कब तक चलता रहेगा अब कुछ आगे किया जाए  डर भी बहुत लग रहा था क्योंकि वह मेरा सगा खुने था मेरी सगी बहन थी अगर कहीं मम्मी पापा को या बहन को कोई भी पता चला खबर मिली तो जाए मेरे बारे में कि मेरी सोच ऐसी है तो क्या सोचेंगे मेरे बारे में मुझे कितनी मार पिटाई और जिल्ते झेलनी पड़ेंगी इसका तो अनुमान भी नहीं लग सकता समझ में गाव बस्ती में मेरी क्या इज्जत रह जाएगी कोई मुझे बिठाएगा भी नहीं मेरे से बात भी नहीं करेगा क्योंकि मैं वह बनने जा रहा था जो कोई नहीं बनना चाहता बहन चोद


‎ लेकिन दिमाग में एक यह भी सवाल था अगर वह मान गई तो रोज मजा करने के लिए मिलेगा



‎ फिर एक दिन गर्मियों की बात थी हम सभी लोग छत पर थे मैं बहन मम्मी पापा नहीं थे वह किसी दोस्त की शादी में गए हुए थे छत पे नीचे ही बिछोना बिछा रखा है अब हम तीनों उसे पर लेटे थे 8-9 का टाइम था  हम दोनों भाई बहन के बीच में मम्मी थी और हम अगल-बगल थे बस मेरे दिमाग में तो वही चल रहा था


‎ तभी पावर लाइट आ गई तभी मम्मी बोली चलो बच्चों नीचे चलते हैं कूलर चला कर सो जा हैं


तभी बहन बोली चलो मम्मी आप नीचे चलो मैं थोड़ी देर में आता हूं मम्मी बोली थोड़ा जल्दी आ जाना  फिर मैं और मम्मी नीचे आ गए बहन को पर छत पर थी मम्मी ने बिस्तर लगाएं मैंने कूलर के तार लगाए और में ने ऑन किया फ़िर हम लेट गए दो खटिया थी एक पर मां और दूसरी पे में तभी मम्मी बोली बेटा मेरा थोड़े पैर दुख रहे हैं आप थोड़ा इनका दबा दो अगर तेरी बहन होती तो दबा देती वह छत पर है तब आएगी तब आ जाएगी ऐसा करो कि आप इनको दबा दो  मैंने कहा की मम्मी जी जरूर अब में माँ के पैरों को दबाने लगा दबाते दबाते मेरे को 5 मिनट हो चुके थे तभी मम्मी बोली रोटी नहीं खाता है कि थोड़ा जोर ज़ोर से दबा मैं ने कहा टिक है माँ अब मैं मम्मी के पैरों को जोर-जोर से दबाने लगा

‎अब मम्मी बोली थोड़ा और उपर तक दबा अब में मम्मी की साड़ी को मम्मी के गुटनों तक करे दी और पैरों को दबाने लगा  5 मिनट के बाद मेरा दिमाग घूमने लगा और मैं मम्मी की ओर देखा तो उसकी आंखें मिची हुई थी अब मैं आराम आराम से उसके पैरों को सैलाने लगा ना जाने ऐसा क्यों करने लगा मुझे खुद ही नहीं पता चला एक दम से कूलर की हवा से मम्मी का पल्लु उड़ गया एक दम से मम्मी की चुचियां दिखें गई मैं तो देखा ही रह गया क्या की मस्त थी बहन की चूचियों से भी बड़ी और गोरी अच्छी लग रही थी अब मेरा लैंड लवर में खड़ा होने लगा और मेरा हाथ घुटनों से ऊपर की ओर अपने आप बढ़ने लगा मम्मी की जन्गो तक हाथ पोहचे गया तभी मम्मी ने कन्वर्ट बदली और सीधी हो गई इसका एक पर उसने मेरे पैरों पर रख दिए शायद मम्मी सो चुकी थी  तभी मुझे एहसास हुआ की मम्मी ने अंडरवियर नहीं पहन रखी थी पेटी अब मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा अब मेरा लंड फुल खेड़ा हो गया 

‎ अब मुझे से यह बेचैनी बर्दाश्त नहीं हो रही थी अब में आहिस्ता आहिस्ता से मम्मी की जंगों को सहलाने लगा  मुझे बहुत मजा आ रहा था बस यही तो मजा चाहिए था फ़िर मुझे फरक नहीं पड़ता चाहे वे कोई भी हो 

‎ डर भी लग रहा था ज्यादा नहीं कुछ कर पा रहा था डर की वजह से तभी में ने अपना हाथ मम्मी की चुत पे रेखा दिया और सहलाने लगा आहिस्ता आहिस्ता से ऐसा ही एक मिनट तक करता रहा फ़िर में एक उंगली चुत में अंदर डालने लगा  जैसे ही मेरी एक उंगली छूट के अंदर घुसी मुझे च** बहुत गर्म गर्म सी लगी और मैं आहिस्ता आहिस्ता हौले हौले से उंगली को अंदर और बाहर की ओर करने लगा ऐसा ही 1 मिनट तक करता रहा फिर मैंने दो उंगलियों को अंदर डाला और ऐसा ही करता रहा मुझे बहुत मजा आ रहा था ऐसा करने में तभी अचानक से मुझे कुछ आवाज आई जैसे की कोई छत से नीचे उतर कर आ रहा हैं मैं तुरंत समझ गया की बहन आ रही है  मैंने तुरंत मम्मी की चुत से अपना हाथ हटाया और पैर दबाने लगा 

‎ तभी बहन ने मम्मी को आवाज दी मम्मी मम्मी मम्मी मम्मी थोड़ी देर बाद मम्मी बोली हां गुड़िया बोल क्या बात है तभी बहन बोली नहीं कुछ बात नहीं तभी मम्मी बोली तो लेट जा और मम्मी मेरे को बोली जा बेटा तू भी लेट जा काफी देर से पैर दबा रहा होगा थक गया होगा 

‎ जैसे ही मैं उठा उठते ही मेरे लवर में तंबू सा तन गया क्योंकि मेरा लैंड पहले से ही खड़ा था और मेरी बहन की नजर एकदम से मेरे लैंड पर गई क्योंकि लैंड का भाग साफ-साफ नजर आ रहा था क्योंकि लवर में लंड खड़ा था और बहन की नजर नहीं हट रही थी वहां से मैं वहां से उठा और अपने बिस्तर पर आकर लेट गया लेकिन बहन इस बारे में कुछ नहीं बोली और मैं बहन को कुछ नहीं बोला मम्मी और बहन दोनों लेट गई  मैं अपने बिस्तर पर लेट गया

‎ अब भला मुझे कहानी नींद आने वाली थी  मैं 10 मिनट तक ऐसे ही लेट आ रहा अब बहन बोली मम्मी बहुत गर्मी रही है  तभी मम्मी बोली जा जा बेटी नेहा केर आजा फिर गर्मी नहीं लगेगी फिर बहन बाथरूम की ओर जाने लगी उसने बाथरूम के बाहर ही कपड़े उतार दिए क्योंकि रात का टाइम था बहन को लग रहा था मैं सो चुका हूं इसलिए उसने ऐसा किया ताकि उसका मन था पता नहीं उसने ऐसा क्यों किया लेकिन मैं तो अनुमान ही लगा सकता हूं  अब  बहन को 20 मिनट से ज्यादा हो चुके थे बाथरुम में लेकिन वह नहा कर बाहर नहीं आई मुझे बहुत जोर से सूसू लग रही थी मुझे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था मैं बिस्तर से उठा बाथरूम की ओर गया वापस आ गया क्योंकि हिम्मत नहीं हो रही थी बाथरूम में अंदर जाने की क्योंकि उसमें बहन थी नहा रही थी फिर मैं अपनी शर्ट और पेंट उतार के क्योंकि गर्मी तो मुझे भी लग रही थी अरे कूलर इतना पर्याप्त नहीं था फिर मैं चड्डी में था अंडरवियर में और मैं घर से बाहर जाकर सुसु किया तभ मैं सूसू कर रहा था घर के गेट पर तभी बहन बाथरूम से बाहर आई और उसने मुझे सुसु करते हुए देख लिया और मेरा लैंड भी देख लिया बहन को में ने भी देख लिया बहन भी पुरी नग्गी थी बहन तुरंत ही बाथरूम में धुसे गई 

‎ तभी मम्मी जाग गई मम्मी बोली बेटा तुम वहां क्या कर रहे हो घर के गेट पर मैं बोला कुछ नहीं मम्मी सूसू करने आया था तभी मम्मी बोली जरा एक छोटा सा काम कर देना  

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