बहन के जवानी का सफेर ट्रेन में
हम मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं साहब ₹1 ₹1 रुपया बचा कर हम लाखों का नुकसान कर लेते हैं कुछ ऐसा ही हुआ है कुछ दिन पहले
लोग हरिद्वार पाप धोने जाते हैं लेकिन मैं तो पाप बढ़ा कर आया हूं so sed
अभी कुछ दिन पहले ही हमारी फैमिली का विचार बना था कि चलो हरिद्वार घूम कर आते हैं कुछ पाप धोकर आते हैं जिसमें पापा मम्मी मैं और मेरी बहन हम चार लोग जाने वाले थे पापा ने रेलवे विभाग में संपर्क कर कर दो टिकट कंफर्म करली स्लीपर हमको लगा की 4 कराएंगे पापा ने लेकिन पैसे बचाने के चक्कर में दो ही सीट कराई इंदौर टू हरिद्वार पापा ने बहाना लगाया कि चार सीट नहीं हो पाई इसीलिए दो कराई हैं दो में ही एडजस्ट करना होगा एक सीट पर दो व्यक्ति आराम से जा सकते हैं जेब टीटी चेक करने आए तो एक को छुपाना होगा एक ही सामने आएगा और टिकट कंफर्म टीटी से चेक केरायग आएगा इस बात का ख्याल रखें कि दूसरे की फानक भी ना लगे टीटी को और नहीं तो चालान या जेल करा देगा टीटी ok
उम्मीद है मेरी बात सबको समझ आ गई होगी दोबारा दोहराने की जरूरत नहीं रहेगी हम सब ने हां कहा पापा से
दूसरे दिन मॉर्निंग में हम निकलने वाले थे इंदौर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने वाले थे सुबह मॉर्निंग में 10:00 हम लोगों ने ट्रेन पकड़ ली और एक सीट पर दो एडजस्ट हो चुके थे पापा और मैं मम्मी और दीदी ऊपर नीचे वाली सीट थी हम लोगों की मेरी दीदी बाथरूम में गई थी मैं सो रहा था हल्की-हल्की नींदों से तभी मम्मी पापा की मैंने आवाज सुनी मम्मी पापा बात केर रहे थे कि जैसे ही शाम के 6 या 7:00 बजेंगे दिन छिप जाएगा टिकट चेक कर के टीटी जाएगा उसके बाद आप मेरी वाली सीट पर आ जाना ऐसा कहा मम्मी ने पापा से तब पापा ने कहा तुम्हारे पास तो बिटिया रानी रहेगी ना तो मैं कैसे आऊंगा तुम्हारे पास तो मम्मी ने कहा वह आप मुझ पर छोड़ दो मैं बिटिया रानी को उसके भैया के पास भेज दूंगी आप चाय पीने के बहाने थोड़ा इधर-उधर घूम लेना तभी मैं उसको उसके सीट पर एडजस्ट कर दूंगी पापा मान गए तभी पापा मम्मी से बोले मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा तो जिद कर रही है इसील सोच रहा हूं एक जवान लड़की को लड़के के पास नहीं सुलाना चाहिए कुछ भी हो सकता है तो मम्मी बोलिए जी यह सब कुछ नहीं वह भाई बहन है आप गलत मत सोचिए मैंने यह सारी बातें सुन ली
अब मेरे दिमाग में एक ही सीन घूम रहा था कि नाइट में मम्मी पापा हनीमून मनाएंगे ट्रेन के अंदर और मैं विचलित हो उठा सोचने लगा कि नाइट में चुपके से हल्का सा देखेगा तो जरूर के मम्मी पापा क्या करते हैं
अब शाम के 8:00 बज चुके थे जैसा मम्मी ने कहा था ऐसा ही हुआ दीदी आ गई मेरी सीट पर और आकर लेट गई मैं बोला क्या हुआ दीदी नीचे मम्मी के साथ नहीं सोगी क्या तो दीदी बोली नहीं मैं आपके पास ही एडजेस्ट करने के लिए बोला है और मम्मी बोली कि भैया को पीछे रखना तुम आगे रहना ताकि टीटी ज्यादा छानबीन ना करें लेडिस समझ कर छोड़ देगा और भैया को छुपा कर रखना ताकि टीटी उसको देख ना ले अब भला मेरा तो मूड खराब था अब में सोच ने लेगा की मम्मी पापा की नाइट कैसे देखूंगा
मेरी माँ एक जवान औरत की तरह है मोटे-मोटे गोल-गोल चुचे मोटी मोटी गोल गोल गांड है तो 38 की उम्र लेकिन दिखने में लगती है 26 27 की एक बहुत ही खूबसूरत औरत की तरह बिल्कुल ऐसे ही मेरी बहन है उम्र तो 19 की है लेकिन बहुत ही कमसिन खूबसूरत मॉडल की तरह एक खूबसूरत लड़की दिखने में तो लगती है ना चाहते हुए कोई का भी लैंड उनके लिए खड़ा हो सकता है ना चाहे ते हुवे भी फ़िर उनका ही लड़का या उनका भाई या फादर ही क्यों ना हो
टीटी आया टिकट चेक की और चला गया और तकरीबन 9:30 का टाइम हो चुका था हम सब ने मिलकर खाना-वाना खाकर पीकर पारीक हो चुके थे बस मेरे दिमाग में तो एक बात घूम रही थी नाइट में क्या होने वाला है
अब 10:00 बज चुके थे और डब्बे की लाइट भी बंद हो चुकी थी रेलगाड़ी अपनी स्पीड से चलती जा रही थी मैं बहन के पीछे की साइड में था बहन मेरे आगे थी नीचे मम्मी पापा थे सीट पर मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था बस मैं तो अनुमान पर अनुमान लगा रहा था इसी बीच में मेरे दिमाग में सेक्स की बातें घूमने लगी
जैसे ही मेरे दिमाग में सेक्स की बातें आने लगी होले होले से धीरे-धीरे से मेरा लैंड भी खड़ा होने लगा और जैसे ही मेरा लंड खड़ा होते-होते 9 इंच के लगभग हुआ तभी जाकर मेरी बहन के एक चुडेड़ से टच होने लेगा जैसे ही रेलगाड़ी का डिब्बा हिलता उसी तरीके से मेरा लंड मेरी बहन के चूतड़ से टच होते हुए इधर-उधर टच होता अब मेरे सर में वासना जगने लगी अब मैं धीरे-धीरे से अपने आप स ब काबू होने लगा और मैं फुल सेक्स की बातें सोचने लगा इधर-उधर मेरा दिमाग घूमने लगा आप मेरे सामने मेरी बहन थी आस्था आस्था सुनिए रिश्ता भूलने लगा कि मेरी सगी बहन है और अब मैं जान पहुंच कर भी हल्का-हल्का सा टच करने लगा मुझे ऐसा करने में बहुत मजा आ रहा था मानो कि मुझे जन्नत से मिल गई हो
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी बहन गहरी नींद में सो चुकी है लेकिन वह सो ही नहीं थी बस ऐसे ही लेटी हुई थी
अब मैं मम्मी पापा को भूल कर अपनी बहन पर फोकस करने लगा मैं सोच ने लगा अगर बहन की चुत चोदने को मिल जाए तो मजा आ जाए लेकिन कैसे इसके लिए कुछ प्लान बनाना होगा तभी मैं हल्का सा उठा और मैं अपनी सीट के आगे पर्दा लगा दिया ताकि कोई हमें देख ना और हम किसी को दिखे ना ऐसे ही मैं पर्दा लगाने के लिए उठा था तो मैं हल्का सा आगे हुआ मेरे लैंड का दबाव बहन की गांड पर फूल से फूल महसूस हुआ ऐसा लग रहा था उसकी जन्गॉ के भीतर उसकी गांड की तरह के भीतर घुसने के लिए बेकरार था मेरा लंड मुझे बहुत मजा आ या था मेरी बहन कुछ नहीं बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गई
अब मैंने सोचा कि मैं अपनी शर्ट और पेंट निकाल देता हूं और लूंगी बंद लेता हूं मैंने ऐसा ही किया और मैंने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया जान पूछ कर और हल्की सी लूंगी लपेट ली अब मैं आहिस्ता आहिस्ता अब में आहिस्ता आहिस्ता से आगे बढ़ना चाहा फ़िर मैं सोचा यार ये तेरी बहन हैं ऐसे करना पाप हॉगा मैं ये सब सोचे ही रहा था तभी बहन ने एक पलटी मारी उसे का एक हाथ मेरा लैंड से टकरा गया मेरा लैंड ने फ़िर से उफ़ने उफान मारे ना चालू करे दिया अब मेर से बर्दाश्त नहीं हो रहा था मेरा लैंड बहन की एक जंग से टच हो रहा है
बहन ने सलवार सूट पहने रेखा हैं अब लैंड हेल्क हेल्क से से झटेक लेने लेगा मैं महसूस किया कि मेरी बहन ने सलवार के अंधर कुछे भी नहीं पहन रखा है अंडरवियर या पेंटिं अब मेरी वासना दोबारा से जागने लगी इन सब बातों के बीच में मेरा लैंड लूंगी से बाहर आ चुका था अब मैं हल्का सा हाथ आगे की ओर बढ़कर बहन के हाथ से हाथ टच किया बहन को कुछ ना बोलने पर मेरी हिम्मत और बढ़ गई अब मैं थोड़ी सी हिम्मत और कर कर उसकी चूची से टच करने लगा अपने हाथ को अभी भी उसने कुछ नहीं बोला फ़िर मैं सोचा इसे की चूची को दबा दु तभी बहन ने फ़िर से एक पलटी मारी और मेरा एक हाथ उसे की चूची के नीचे देब गया
अब मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा क्योंकि हाथ को निकाल नहीं सकता और कुछ कर भी नहीं सकता अगर बहन को मालूम हुआ तो क्या सोचेगी बस यही सब बातें मैं सोच रहा था अब हमें दोनों एक दूसर से सटे हुवे थे
और मेरा लंड बहन की चुत से सटा हुआ है जैसे-जैसे रेलगाड़ी के डिब्बे हिलते थे मेरा लैंड उसे इस तरह से उसकी जन्गॉ को टच कर के रगड़ते हुए हिल रहा था और मेरा लैंड में फूल तरह का उफान आया हुआ था मुझे पूरा मजा आ रहा था तभी बहन ने एक हाथ से मेरा हाथ पकडा और अपनी चूची के नीचे से खीचने लगी और दूर करें लगी
मेरी तो गांड फटने लगी अब क्या होगा लेकिन कुछ नहीं हुआ अब मुझे यह भी नहीं पता कि वह सो रही है या जाग रही है क्योंकि डब्बे के अंदर पूरा अंधेरा था तभी अचानक से रेलगाड़ी के डिब्बे में एकदम जोर धार झटका सा लगा तभी मे बहन के चुच्चो से टकरा गया और मेरा लैंड बहन की दोनों जन्गॉ के बीचे मे मेरा लैंड फसे गया मुझे बहुत मजा आया तभी बहन बोली अचानक से भाई ठीक से लेट रहो ना क्या कर रहे हो तब मैं तभी देबी आवाज में बोल बहन रेल में कोई झटका लगा है इसीलिए ऐसा हुआ है अब मुझे कंफर्म हो गया कि मेरी बहन जाग रही है
अब मेरा लंड उसकी दोनों जान्गो में फंसा हुआ था क्या उसको यह बात का पता नहीं था उसको भी पता था करें तो कर क्या मैं भी कुछ नहीं कर सकता वह भी कुछ नहीं कर सकती मैं भी पीछे सरक नहीं सकता क्योंकि पीछे जगह नहीं थी
मेरी हाथ की उंगलियों में उसकी सलवार का नाडा फस गया था जैसे ही मैं हाथ ऊपर की ओर उठाया तो उसका नाड़ा खुल गया यह मैंने जानबूझकर बिल्कुल भी नहीं किया था लेकिन हो चुका था वह भी कुछ नहीं बोली चुप रही मैं भी चुप रहा लेकिन मैं समझ चुका था कि मेरी बहन की सलवार खुल चुकी है अब दोस्तों आप ही को तो पता ही है की रेलगाड़ी के डिब्बे आस्था आस्था से हिलते हैं कपड़े इधर के उधर हो जाते हैं जैसे ही सलवार खुली वह धीरे-धीरे से सरकने लगी सरकती सरकती सरकती सरकती काफी सरक गई अब बहन ने दूसरी और करवट ली तो मेरा लैंड एकदम फ्री हो गया अब बहन सलवार बंद भी नहीं सकती मेरे सामने वह सोच रही थी कि मैं सो जाऊं तब वह बंधेगी उसकी भी गलती नहीं है और नहीं गलती मेरी थी बस यह हो रहा था हम दोनों के साथ मेरा लंड उसकी जंग को टच करने लगा मेरे लंड से मुझे महसूस हुआ कि मेरी बहन की जंग बिल्कुल नंगी है क्योंकि वहां सलवार का कोई भी कपड़ा मुझे महसूस नहीं हो रहा था ऐसे ही दो-तीन मिनट तक यह चला रहा मेरा लंड उसकी जंग से रगड़ रहा और लैंड तूफान मारता रहा
तभी बहन ने फिर से करवट ली मेरी और अब मेरा लंड बहन की चुत से सटे रहा है और रगड़ा भी मार रहा था मैंने महसूस किया कि उसकी चुत से कुछ अपन मेरे लैंड पर लग रहा था गर्भ सा क्या नरम चुत ही मजा आ रहा था जिस तरह से लंड उसकी चुत से रगड़ रहा था उसकी सलवार पहले ही नीचे सरक गई थी इसमें मेरी तो कोई गलती नहीं थी यह वाक्य तकरीबन 5 मिनट तक चलता रहा उसकी चुत के पास काफी पानी हो गया क्योंकि उसकी भी चुत से पानी निकल रहा था और हल्का-हल्का से मेरे लंड से भी तो उधर काफी गीला हो चुका था मैं महसूस कर रहा था कि बहन भी गरम हो चुकी है बस रही थी चोट मारने की कसेर
ऐसे ही रगड़ते रगड़ते हैं मेरा लंड का टोपा उसकी चुत में घुस गया इसमें हल्का सा मेरा भी योगदान रहा मैं हल्का सा आगे की ओर सरका था तब जाकर उसकी चुत में मेरा लंड का टोपा घुस गया मेरी बहन कुछ भी नहीं बोली तो मेरी हिम्मत और बड़ी अब आहिस्ता आहिस्ता से में हल्का-हल्का सा धक्का लगने लगा
अब तकरीबन मेरा लैंड आधा उसकी चुत में घुस रहा गया था और समा गया था अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था मैंने बहन को अपनी ओर खींचा और उसके ऊपर चढ़ गया दोनों पैर फैला कर जोरदार के धक्का मरने लगा अब मेरा पुरा लंड मेरी प्यारी बहन की चुत मे समा गया धक्के पर धक्का धक्के पर धक्का फुल ताकत लगा के धक्का ले धक्का पूरी जान लगा दी और जोर-जोर से उसको चूमने चाटने लगा चुचीया दबाने लगा अपने शरीर की पूरी ताकत फुल ताकत शक्ति लेकिन बहन के मुंह से एक बार भी कोई भी आवाज ना निकली तकरीबन 10 मिनट तक मैं उसको इसी पोजीशन में चोदता रहा तब जाकर मैं झड़े गया वह भी झड़े गई उसने मुझको बाहों में भर लिया मैंने भी उसकी बाहों में भर लिया 2 मिनट चाटने लगे चुमेन लेगा
तब मैं समझा जाकर कि मेरी बहन कितनी बड़ी चुडक्कड़ है इस बारे में मैं उससे बात करूंगा पूछूंगा फिर हम लोग सो चुके थे फिर सुबह मॉर्निंग में आंख खुली आगे की कहानी भी जारी है फुरसत मिलेगी तो बताएंगे
उसे रात की चुदाई को मम्मी पापा को भी पता चल गया क्योंकि मेरी नीचे के सीट पर अंडरवियर गिर गई थी..?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thanks so much my dear best friend