गलत समझ लिया बहन को भाई ने

Bhai bahan sex story

मेरा नाम रमेश है मेरे जीवन में एक अपवित्र घटना घटी है मैं उसके बारे में आपको कुछ बताना चाहता हूं अच्छी लगे या बुरी कमेंट जरुर करें लाजमी?



‎मेरा पिता का नाम सुरेश शर्म हैं उम्र 41 हैं

‎मेरी माता का नाम सुनीता है उम्र 38 हैं

‎मेरा नाम रमेश है उम्र 20 हैं

‎मेरी बहन का नाम उषा है उम्र 19 हैं


‎ अभी मैं हाल ही में 12वीं पास की है अभी छुट्टियां चल रही है एजुकेशन कि इस वजह से मैं घर पर रहता हूं और कहते हैं की खाली दिमाग का  शैतान घर होता है


‎ अभी कुछ दिन पहले की बात है घर के पीछे मैं बाथरूम में कर रहा था यानी कि सुसु कर रहा था तो मेरी बहन छत पर थी मुझे पता नहीं था वह कपड़े सुखा रही थी और उसने मुझे सुसु करते देख लिया और कहते हैं की मुत ते का लैंड बड़ा दिखता है  यह बात मेरी बहन ने मुझे बाद में बताई थी


‎ उसी दिन शाम को बहन रसोई में कुछ काम कर रही थी यानी की सजावट का काम कर रही थी तेरी बहन बोली भैया मेरी हेल्प करो मैं बोला उस क्यों परेशान करती हो अपने आप कर लो ना तभी गुस्सा में बोली भैया रसोई के कोने में झाले लगे हुए हैं उनको साफ करना है मैं ड्रम पर चढ़ रही हूं थोड़ा ड्रम पकड़ लो  अभी मैं हल से उठकर रसोई के अंदर गया और ड्रम पकड़ लिया और बहन ड्रम पर चढ़ ने की कोशिश करने लगी तभी मैंने नोटिस किया बहन ने सलवार सूट पहन रखी है फाइटिंग वाली जैसे ही उसने ड्रम पर चढ़ने की कोशिश की थी झुककर वह चढ़ी थी तो मेरी नजर एकदम उसके चुचो पर गई  बहुत मोटे मोटे खर्बुज की तरह थे मैंने कभी ऐसे ध्यान नहीं दिया था पहली बार आज ध्यान दिया तो हैरान रह गया देखकर एकदम मोटे-मोटे गोल-गोल बिल्कुल सफेद व्हाइट रंग जैसे बहुत ही मस्त लग रहे थे  यह सब नजारा मेरी बहन उसा ने देख लिया कि मेरी नजर उनके चुच्चो पे पड़ गई लेकिन वह कुछ ना बोली और चुपचाप अपना काम करने लगी ड्रम के उपर चढकर (अब मेरा दिमाग में उसा के चुच्चे गुम रहा थे) सोचने लगा जब नीचे उतरेगी दोबारा देखने के लिए मिलेंगे जैसे ही उसने काम खत्म किया बोली रमेश भैया ड्रम कसकर पकड़ लो मैं नीचे उतरने वाली हूं मुझे लगा मुझे फिर से देखने के लिए मिलेंगे चुच्चे बहन के क्योंकि मेरा दिमाग तो सन था


‎ बहन को तो पहले से ही मालूम था इसलिए अब वह दूसरी साइड से उतरने की कोशिश की वह घूम के क्योंकि बहन नहीं चाहती कि उसकी छाती उसका भाई देखें फिर से यानी कि पिछवाड़ा मेरी साइड और मुंह दूसरी साइड से उतरने की कोशिश करने लगी


‎ जैसे ही बहन उतरी उसकी दोनों जन्गॉ जनगो से मेरा लैंड रगड़ता हुआ उसकी गांड यानी कि पिछवाड़ा उसके चूतड़ सीधा मेरे लैंड से टकरा गए मुझे खुद नहीं पता चला की मेरा लैंड कब खड़ा हो गया और इतना बड़ा हो गया  बहुत जोर से दिल धड़कने लगा पता नहीं अब क्या होगा बहन क्या बोलेगी क्या सोचेगी दिल घबराने लगा धड़कनें तेज होने लगी  लेकिन बहन ने कुछ नहीं बोला ऐसा रेक्ट् दिखावा किया कि जैसे कुछ हुआ ही ना हो  तब जाकर मेरी सांस में सांस आई और मैं भाग कर अपने रूम में गया और श्रम के मारे मेरा मुहु लाल हो गया मैं अपनी बहन से नजरे मिलाने के काबिल नहीं रहा सोने लगा के बहन से किस मुंह से बात करूंगा कि नजरों से नजर मिला लूंगा अब हमारे बीच में दूरियां हो जाएंगे एक दूसरे से बात नहीं करेंगे  न जाने में क्या-क्या सोचने लगा


‎ फिर शाम को 6:00 बजे बहन मुझे रूम में बुलाने आई कि भैया आ जाओ खाना खा लो जैसे बहन ने मुझे बुलाया उसे देखकर तो मैं हैरान रह गया की बहन के मन में कोई मलाल नहीं है कोई बात को लेकर कोई चिंता नहीं है चलो अच्छा हुआ बहन को कुछ मालूम नहीं एहसास नहीं मैं यह दिल में सोच रहा था लेकिन में गलत था बहन को सब कुछ पता था लेकिन वह दिखावा ऐसा कर रही थी कि कुछ नहीं हुआ ही नहीं है  फिर हम सब ने मिलकर खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे अब मुझे भी अच्छा फील होने लगा अच्छा लगने लगा और मैं नॉर्मल हो गया और कसम पर कसम खाने लगा कि दोबारा बहन की तरह गंदी नजर से नहीं देखूंगा और दोबारा बहन के बार  में कुछ नहीं सोचूंगा


‎ हम राजस्थान के अलवर शहर के रहने वाले हैं अपना घर शालीमार में रहते हैं उसमें हमारा एक फ्लैट है और आप सभी को तो पता होगा की बिल्डिंग में फ्लैट कितने छोटे होते हैं कितने नॉर्मल होते हैं हमारे फ्लैट में तीन रूम थे एक हॉल था एक किचन था एक रूम मम्मी पापा का था एक रूम मेरा था एक रूम बहन का था तभी दूसरे दिन अचानक से ताऊ जी और ताई जी हमारे घर आना हुआ उनकी लड़की की शादी थी उनका कार्ड लेकर आए थे वह लोग  तकरीबन 5:00 बेज के लगभग ही आए थे  मम्मी पापा ने जिद कर कर उनको रोक लिया  और बातें करने लगे खाना-वाना खाया इधर-उधर की बातें होने लगी और अब टाइम सात 7 बज चुके थे और बहन से बोला पापा तू अपने भैया के रूम में आज लेट जा आज ताया ताई तुम्हारे रूम में सोएंगे सुबह चले जाएंगे  बहन ने हाँ में सिर हिलाया और अपना जरूरी सामान लेकर मेरे रूम में आ गई अब 7:30 बज चुके थे  अब सब लोग सो चुके थे लगभग मैं कंप्यूटर चला रहा था बहन ने भी बिस्तर लगा लिए एक ही बेड था मेरे कमरे में डबल बेड  और लाइट ऑफ कर दी क्योंकि लाइट का खर्चा बहुत आता है सिटी के अंदर आपको सबको पता है इसीलिए हम सब लाइट ऑफ कर कर ही सोते हैं 

‎ अब मेरे दिमाग में कल वाली बातें घूम रही थी मैं अपने दिमाग को और मन को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था लेकिन नहीं कर पा रहा था क्योंकि कहते हैं ना कि जब बाहर लड़की या चुदाई ना मिले तो लड़के घर में ही शुरू हो जाते हैं  अब वही फार्मूला काम करने वाला था मेरे ना चाहते हुए भी अब तकरीबन नो 9 बज चुके थे अब मैं भी जाकर बिस्तर पर लेट गया  मेरी शुरू से ही बचपन से आदत थी अंडरवियर में सोने की मैंने टी-शर्ट और लवर निकाल कर साइड में ही दीवार से  टाक दिये और बिस्तर पर लेट गया ऐसी AC की स्पीड फुल कर दी और कंबल ओढ़ लिया  अब कंबल में मेरी बहन और में थे पूरे रूम में और कोई नहीं था रूम के अंदर बिल्कुल खामोशी थी

पूरे रूम मे फुल खामोशी थी हम एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे अब टाइम तकरीबन 10 बज चुके थे मेरे शरीर मेरी बहन के शरीर को महसूस कर रहा था उसकी सांसों को उसके जिस्म की गर्मी को महसूस कर रहा था मेरा शरीर अब आप ही बताओ दोस्तों जब कोई जवान लड़कियां जवान लड़का एक ही बिस्तर पर हो तो क्या होगा मेरा बिल्कुल भी इरादा नहीं था कुछ करने का या कुछ हो जाने का इंतजार नहीं था मैं यह चाह रहा था दिल से की कुछ ना हो और बड़ी सुकून से रात निकल जाए क्योंकि वह मेरी सगी बहन थी उसके बारे में सोचना भी पाप था और सोचा तो बहुत दूर की बात बहन भी नहीं मानती यह मेरे दिमाग में मैं अच्छे से बात बिठा ली थी (लेकिन लैंड के पास दिमाग नहीं होता) वह नहीं सुनता किसी की भी  अब आहिस्ता आहिस्ता से मेरा लैंड खड़ा होने लगा और फुल 9 इंच के लगभग खड़ा हो चुका था फुल मोटा हो गया यहां सिर्फ बहन की सांसों को महसूस कर करके  तभी मैंने महसूस किया की बहन जाग रही है मैं बोला उषा क्या नींद नहीं आ रही है क्या वह तुरंत जवाब दिया हां भैया नींद नहीं आ रही शायद दूसरे रूम का या बिस्तर का असर है हम एक से दूसरे बात करने लगे बात तो ही बातों में बहन ने कहा कि भैया नींद नहीं आ रही लाइट ऑन कर दो जी घबरा रहा है मेरा  मैंने कहा बहन आपको तो पता ही है कि मैं कपड़े पहन कर नहीं सोता मैं कपड़े खोल करे ही सोता हु ओन्ली अंडरवियर में हूं अगर लाइट ऑन करूंगा तो मुझे शर्म महसूस होगी और कपड़े पहन लूंगा तो मुझे नींद नहीं आएगी तभी बहन बोली भैया कपड़े पहन लो कुछ देर के बाद सो जाना इतने कुछ गेम खेलते हैं या कुछ बातें करते हैं तो मैंने कहा ठीक है और मैं इतने कपड़े पहन ता तो बहन ने लाइट ऑन कर दी और मेरा 9 इंच का खेड़ा लैंड अंडरवियर को फाड़ने के लिए तैयार था और बहन ने मेरा खेड़ा लैंड देख लिया मे छुपन की ना काम कोशिश करने लेगा लेकिन फिर भी बहन की नजर मेरे लैंड पर पड़ गई थी और बहन शर्मा कर दूसरी साइड मुंह कर लिया  

‎ मैंने कपड़े पहने और बहन को सॉरी कहा बहन ने कहा इस ओके भैया ऐसा होता है अक्सर इस उम्र में मुश्किल नहीं

‎ फिर मैं बाथरूम में चला गया और  मेरे रूम में जो बाथरूम था उसमें दरवाजा नहीं था  मुट्ठी मारने लगा क्योंकि मुट्ठी नहीं मारता तो नींद नहीं आती और नींद नहीं आती तो गड़बड़ हो जाती और मैं अपनी बहन की नजरों में गिरना नहीं चाहता  जब मैं मुट्ठी मार रहा था तो मेरी बहन मुझे देख रही थी लेकिन मुझे नहीं था पता कि मेरी बहन मुझे देख रही है और उसने जी भर के मुझे दिखा और मेर लैंड को मैं बड़े बिंदास होकर अच्छे से मुट्ठी मार रहा था मुट्ठी मार कर बाहर आया आते ही बिस्तर पर लेट गया क्योंकि मैंने कुछ नहीं पहन रखा था अंडरवियर के अलावा लाइट ऑन हैं रूम की मैंने नोटिस किया के बेड के साइड में सलवार सूट पड़ा है लेकिन ज्यादा ध्यान नहीं दिया सोचा की बहन की दूसरे कपड़े होंगे लेकिन मुझे नहीं था पता की बहन ने अपने कपड़े खोल दिए 

‎ अब हमें कंबल में घुस गया और मैं ना चाहते हुए भी अंडरवियर भी निकाल दी पूरा नंगा था में कंबल के अंदर सोचा कि बाद में पहन लूंगा

‎ मुट्ठी मारने के बाद भी मेरा लैंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था उसी तरह से फुल खड़ा था  मैंने जैसे ही बहन की साइड पलटा या साइड बदली मेरा 9 इंच का लैंड बहन के एक चूतड़ से रगड़ता हुआ उसे की गांड की धरार से सेट गया मेरा लैंड का टोपा टोपा दोनों चुतड के बीचे मे फस गया तभी मैं अचानक से शौक हो गया मुझे मालूम हुआ की बहन ने कपड़े पूरे खोल रखे हैं बहन पूरी नंगी है अब मुझे से ब्रदाश् नहीं हो रहा मन तो करे रहा था की अभी चोदे दु साली को दोनों टैंगो को ऊपर करे के 

‎अब मैं अपना लैंड पकड़ लिया और बहन की गांड पे उपर और नीचे करने लेगा रगड़ता रहा अब मेरी बहन की सासे तजी तजी चलेन लगी अब मे मे पक्का समझे गया की बहन चुद ने को त्यार है अब में एक हाथ बहन की एक चूची पे रखे दिया आहिस्ता आहिस्ता होले होले दबाने लगा क्या नरम नरम गरम-गरम चुचीया थी मजा आ गया  अब मैं बहन को अपनी आगोश में ले लिया अपने नीचे तो लिया उसके ऊपर चढ़ गया और पागलों की तरह उसे पर टूट पड़ा उसको 2 मिनट चाटने लगा उसके गाले को कटने लगा उसके कानों को खाने लगा उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा उसकी गांड को दबाने लगा कुत्ता बनादिया बहन को और बहन भी मेरा साथ नहीं दे रही थी उसेन मुझे दूर कर दिया उसेन कहा भैया पगले होगया के अपनी ही बहन पर गंदी नजेर रखते हो मैं तो हक्का-बक्का रह गया जब मैं उसके मुंह से यह बातें सुनी और एक छोटे से बच्चे की तरह नादान होकर मैंने पूछा तुम ऐसा क्यों कह रही हो उसने कहा कोई भला अपनी बहन के साथ ऐसा करता है क्या फिर मैंने कहा कोई बहन भी अपने भाई के साथ इस तरह बिस्तर पर नंगी मतलब तो यही है 

‎तभी बहन बोली मे तो कपड़े चेंज कर रही थी जब तू बाथरूम में मुट्ठी मार रहा था मुझे नहीं लगा कि तू इतनी जल्दी आ जाएगा मुझे लगा तुझे टाइम लगेगा मैं इतने कपड़े चेंज कर लूं जैसे ही मैंने तुझे आते हुए देखा तो मैं तुरंत बिस्तर में घुस गई यह सोचकर तब तू सो जाएगा तब कपड़े पहन लूंगी लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरा भाई कुत्ता है ना कमीना है हैं मेरा भाई मेरे बारे में ऐसी सोच रखता है मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था  अब मुझे बहन के कुछ बातें समझ में आने लगी और मैं सॉरी कहा पापा से मत कहना  तब हम दोनों बिस्तर पर नंगे थे एक दूसरे को देख रहे थे 18 बार सॉरी कहा बहन से बहन गलती हो गई मुझे नहीं पता था मैं गलत समझ बैठा  फिर मैं बहन से हल्का सा दूर हुआ और हम विस्तर पर लेट रहे ना तो वही बिस्तर से उठी ना मैं ही उठा और हमने कंबल ओढ़ लिया  आप हमारे बीच में कोई बातचीत नहीं तकरीबन 20 मिनट हो गया मुझे लगा बहन सो गई बहन को लगा मैं सो गया हालांकि सोए कोई भी नहीं 

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